हरियाणा के DGP आवास मामले में हुए सख्त ASP अमन यादव पर 39 लाख रेंट,1 लाख जमा कराएं
सत्य ख़बर, चण्डीगढ़, सतीश भारद्वाज :
हरियाणा में एक से अधिक सरकारी आवास रखने वाले आईपीएस अफसरों पर डीजीपी शत्रुजीत कपूर सख्त हो गए हैं। डीजीपी ने एएसपी अमन यादव के खिलाफ 39.20 लाख रुपये पैनल रेंट लगाने के निर्देश दिए हैं। इसके बाद डीएसपी की ओर से एक लाख रुपये पैनल रेंट भी जमा करा दिया गया है। सबसे खास बात यह है कि यह पैनल रेंट अफसर के वेतन से वसूला जा रहा है। जिसका मामला जहां सीएम दरबार भी पहुंचा था, वहीं हाई कोर्ट तक भी पहुंचा हुआं है।
बता दें कि आईजी वाई पूरण कुमार ने इन मामलों की शिकायत डीजीपी को भेजी थी। आईजी की शिकायत पर पुलिस महानिदेशक ने प्रदेश की सभी पुलिस इकाइयों के प्रमुखों को निर्देश भेजे थे। जिसमें कहा गया था कि ऐसे राजपत्रित अधिकारियों की सूची भेजी जाए जो अपने जिले या इकाई से दूसरे जिलों की इकाइयों में स्थानांतरित हो गए हैं, लेकिन अभी तक सरकारी आवास खाली नहीं किया है। साथ ही अब तक की गई कार्रवाई की जानकारी मुख्यालय को दी जाए।
वहीं फरीदाबाद पुलिस आयुक्त ने डीजीपी ऑफिस को सूचना भेजी है कि एसीपी अमन यादव से पेनल रेंट के एक लाख रुपए जनवरी 2024 से 30 अप्रैल 2024 तक की अवधि के जमा कराए गए हैं। मई 2024 के वेतन से 25 हजार रुपए भी काटे गए हैं। गुरुग्राम पुलिस कमिश्नर की तरफ से पहले भी अमन यादव को 21.30 लाख के बारे में पत्र भेजकर अवगत भी कराया जा चुका था।
एसीपी को ओवरस्टे की सूचना पहले ही भेज दी गई थी। लेकिन उनके द्वारा अभी फ्लैट खाली नहीं किया गया है, इसलिए अब पैनल रेंट 39.20 लाख हो गया है। उन्हें अब निर्देश दिए गए हैं कि वह इस पेनर रेंट की राशि को तुरंत ट्रेजरी में जमाकर सूचित करें।
आईजी वाई पूरन कुमार के अनुसार बताया गया है कि करीब 6 सीनियर आईपीएस ने दो सरकारी मकान कब्जा करके रखे हुए हैं। इन अफसरों के पंचकूला के साथ ही फील्ड में भी सरकारी आवास हैं। इसके बावजूद भी अभी तक इनको पैनल रेंट की सूचना नहीं भेजी गई है।
पंचकूला में अभी फ्लैट 2C, 4C, फरीदाबाद में हाउस नंबर 5, पंचकूला के हाउस नंबर 7 सेक्टर 2, भोंडसी कॉम्पलेक्स के हाउस नंबर 1 में आईपीएस अधिकारियों ने कब्जा जमाया हुआ है। 9 आईपीएस अफसरों के नाम इस प्रकार है, जिन्होंने एक से अधिक आवासों कर कब्जा कर रखा है, इनमें एडीजीपी लॉ एंड ऑर्डर ममता सिंह के साथ सीनियर आईपीएस सौरभ सिंह, राकेश आर्या, सतीश बालन, हिमांशू गर्ग, राज कुमार, एके मित्तल के साथ दो और नाम शामिल हैं।
हरियाणा के पूर्व गृह मंत्री अनिल विज ने एक अफसर-एक आवास की पॉलिसी लागू की थी। इसको लेकर उन्होंने अपने कार्यकाल में डीजीपी को इस पॉलिसी को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए थे। लेकिन धरातल पर इस पॉलिसी को अभी भी पूरी तरह से लागू नहीं किया गया है। थेवाई पूरन कुमार का आरोप है कि यह पॉलिसी सिर्फ दलित अफसरों पर लागू की जा रही है, डीजीपी के चहेतों अफसरों पर यह लागू नहीं की जा रही है।
उन्होंने शिकायत में बाकायदा आईपीएस अधिकारियों के नाम का जिक्र किया था और सबूत होने का भी दावा किया था।
इससे पहले IG ने इस मामले की शिकायत DGP शत्रुजीत कपूर और गृह विभाग के सचिव टीवीएसएन प्रसाद को भी कर चुके हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने के चलते अब उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम शिकायत भेजी थी।
पुलिस विभाग के वन ऑफिसर वन रेजिडेंट पॉलिसी का मामला पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट तक पहुंच चुका है। हाईकोर्ट में बताया गया है कि गृहमंत्री के आदेश के अनुसार यदि कोई आईजी अपनी रेंज में तैनात होता है तो उसे मुख्यालय में सरकारी मकान की अलॉटमेंट नहीं की जा सकती है, लेकिन 2 पुलिस अधिकारी ऐसे हैं जो मुख्यालय में सरकारी मकान अलॉट करवा रहे हैं। हाईकोर्ट इस मामले में याचिका पर सुनवाई करते हुए हरियाणा सरकार से पूछ चुका है कि आखिर क्यों याची को सरकारी आवास अलॉट नहीं किया जा रहा है।
आई जी ने पुलिस विभाग में तैनात दबंग आईपीएस अधिकारियों की सारी पोल खोल कर रख दी है। हालांकि आरटीआई एक्टिविस्ट भी इस बारे में कई दफा विभाग से आरटीआई से सूचना मांगते हैं, लेकिन पुलिस विभाग के लापरवाह अधिकारी अपनी दबंगी और फर्जी मुकदमों में फसाने का डर दिखाकर उनको सही समय पर सूचना उपलब्ध नहीं करा रहे हैं, जिनमें सरकारी आवास, हथियार,गनमैन,सहित अन्य कई मामले हैं, लोगों की चर्चा का विषय बना हुआ है, जिस पर विभाग लाखों रुपए हर महीने खर्च कर रहा है। और विभाग अपनी किरकिरी होने से बचने के लिए मीडिया में भी इस बात का खुलासा नहीं करते हैं।